स्तन कैंसर के 7 संकेत: महिलाओं को नज़रअंदाज़ नहीं करने चाहिए ये बदलाव

स्तन कैंसर के 7 संकेत: महिलाओं को नज़रअंदाज़ नहीं करने चाहिए ये बदलाव

क्या आपने कभी महसूस किया है कि हम अक्सर छोटी-छोटी तकलीफ़ों को हल्के में ले लेते हैं? कई बार शरीर हमें संकेत देता है, लेकिन हम उन्हें रोज़मर्रा की थकान या मामूली समस्या समझकर अनदेखा कर देते हैं। यही लापरवाही ज़िंदगी के लिए खतरनाक साबित हो सकती है।

स्तन कैंसर (breast cancer) भी ऐसी ही बीमारी है|  यह धीरे-धीरे बढ़ती है और शुरुआत में साधारण लगने वाले लक्षण दिखा सकती है। लेकिन अच्छी खबर यह है कि अगर इसे शुरुआती चरण में पहचान लिया जाए तो इलाज आसान और सफल हो सकता है। भारत में महिलाओं में स्तन कैंसर सबसे आम कैंसरों में से एक है और हर साल लाखों नए मामले सामने आते हैं। फिर भी, समय रहते डॉक्टर से सलाह लेने पर ज़िंदगी बचाई जा सकती है।

आइए जानते हैं वे सात  संकेत, जिन्हें अगर नज़रअंदाज़ किया गया तो यह भविष्य में बड़ी परेशानी का कारण बन सकते हैं।

ब्रेस्ट कैंसर क्या है?

ब्रेस्ट कैंसर (स्तन कैंसर) स्तन में होने वाला एक प्रकार का कैंसर है, जो स्तन के ऊतकों (tissues) में अनियंत्रित रूप से कोशिकाओं (cells) के वृद्धि से उत्पन्न होता है। यह कैंसर स्तन के किसी भी हिस्से में हो सकता है, जैसे कि दूध बनाने वाली ग्रंथियाँ (milk glands), दूध नलिकाएँ (milk ducts), या स्तन के अन्य ऊतक (tissue)। ब्रेस्ट कैंसर के शुरुआती लक्षणों में स्तन में गांठ का आना, त्वचा में बदलाव, निपल्स से रक्तस्राव या स्राव होना आदि शामिल हो सकते हैं।

कैंसर के प्रकार और स्थिति के आधार पर इलाज में विभिन्न तरीके हो सकते हैं, जैसे कि सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरपी और हार्मोनल थेरपी। अगर समय रहते इसका निदान किया जाए, तो इसका इलाज संभव है और जीवन दर (survival rate) भी बेहतर होती है।

हर साल कितनी महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर से प्रभावित होती हैं?

दुनिया भर में ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं के बीच सबसे सामान्य प्रकार का कैंसर है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, 2020 में लगभग 2.3 मिलियन महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर का निदान हुआ था। यह कुल कैंसर मामलों का लगभग 11.7% हिस्सा है। इसके अलावा, हर साल ब्रेस्ट कैंसर के कारण 670,000 से ज्यादा मौतें होती हैं।

भारत में, कैंसर रिसर्च इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के अनुसार, हर साल 1.5 लाख महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर से प्रभावित होती हैं, और यह संख्या लगातार बढ़ रही है। यह कैंसर आमतौर पर 40-50 वर्ष की उम्र के बीच महिलाओं में अधिक होता है, लेकिन अब यह युवा महिलाओं में भी बढ़ रहा है।

ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम तत्व

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    आयु: 50 वर्ष और उससे ऊपर की उम्र में ब्रेस्ट कैंसर का जोखिम अधिक होता है।

  • परिवारिक इतिहास: यदि किसी के परिवार में ब्रेस्ट कैंसर का इतिहास है, तो उनका जोखिम अधिक हो सकता है।

  • हार्मोनल फैक्टर: देर से मेनोपॉज, हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (HRT) आदि हार्मोनल बदलावों से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।

  • अल्कोहल का सेवन: अधिक मात्रा में शराब पीने से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।

  • देर से गर्भधारण या निःसंतान रहना: यदि महिलाएं शादी में देरी करती हैं या संतान नहीं होती, तो उनका जोखिम बढ़ सकता है।

स्तन कैंसर क्यों समय रहते पहचानना ज़रूरी है?

कैंसर का शुरुआती पता लगना बहुत बड़ा फ़ायदा देता है। शुरुआती स्टेज पर किया गया इलाज न सिर्फ सफल रहता है बल्कि सर्जरी और दवाइयों की ज़रूरत भी कम पड़ती है। देर होने पर इलाज लंबा, कठिन और कभी-कभी बहुत महँगा भी हो सकता है। यही कारण है कि स्तन में छोटे से बदलाव पर भी ध्यान देना बेहद ज़रूरी है।

स्तन कैंसर के 7  संकेत और लक्षण

1. बगल या गर्दन के नीचे गांठ या सूजन

बगल और गर्दन के नीचे लिम्फ नोड्स (lymph nodes) होती हैं, जो संक्रमण या बीमारी से लड़ती हैं। लेकिन अगर यहाँ कठोर गांठ या लगातार सूजन दिखाई दे और समय के साथ बढ़े, तो यह कैंसर का शुरुआती संकेत हो सकता है।

2. स्तन में नई गांठ

स्तन में कोई नई गांठ महसूस होना स्तन कैंसर का सबसे आम लक्षण है। यह गांठ अक्सर दर्दरहित होती है, लेकिन इसकी जांच बेहद ज़रूरी है। महिलाएँ महीने में एक बार स्वयं जाँच करके इस बदलाव को पकड़ सकती हैं।

3. स्तन के आकार या बनावट में बदलाव

अगर स्तन का आकार (shape) या बनावट अचानक बदलने लगे, जैसे असमानता आना या स्तन का चपटा होना, तो यह केवल सामान्य हार्मोनल बदलाव नहीं, बल्कि गंभीर समस्या का संकेत भी हो सकता है।

4. निपल (nipple) में बदलाव (Changes in Nipple)

निपल का उलटना (inversion), खुजली, लालिमा या उस पर परत (crust) जमना साधारण समस्या नहीं है। इसे हल्के में लेना खतरनाक हो सकता है।

5. निपल से असामान्य स्राव (Nipple Discharge)

गर्भधारण या स्तनपान न करने पर भी निपल से खून (bloody discharge) या पारदर्शी तरल (fluid) निकलना सामान्य नहीं है। यह तुरंत डॉक्टर को दिखाने का कारण है।

6. स्तन में दर्द या असहजता (Breast Pain or Discomfort)

कई महिलाएँ सोचती हैं कि दर्द हमेशा मासिक धर्म या थकान की वजह से होता है। लेकिन अगर दर्द लगातार बना रहे और समय के साथ बढ़े, तो इसे नजरअंदाज न करें।

7. त्वचा में असामान्य बदलाव (Changes in Skin)

स्तन की त्वचा का रंग बदलना, लालिमा आना, खिंचाव महसूस होना या नारंगी के छिलके जैसी सतह (dimpling) दिखना भी कैंसर का संकेत हो सकता है।

डॉक्टर से सलाह कब लें?

अगर ये लक्षण लगातार बने रहें या समय के साथ बढ़ें, तो देर न करें और तुरंत विशेषज्ञ से परामर्श लें।

  • अगर कोई गांठ  दो-तीन हफ्तों से ज़्यादा समय तक बनी रहे।

  • निपल से खून या असामान्य स्राव (discharge) हो।

  • स्तन का आकार या त्वचा का रंग अचानक बदल जाए।

कैसे रखें खुद का ध्यान?

  • हर महिला को महीने में एक बार स्तन की स्वयं जाँच  करनी चाहिए।

  • संतुलित आहार (balanced diet), व्यायाम  और पर्याप्त नींद लें।

  • धूम्रपान और ज़्यादा शराब  से बचें।

  • अगर आपके परिवार में किसी को स्तन कैंसर हुआ है, तो नियमित चेकअप ज़रूरी है।

स्तन कैंसर के FAQs

1. कैसे पता करें कि ब्रेस्ट कैंसर है या नहीं?

ब्रेस्ट कैंसर का पता लगाने के लिए ब्रेस्ट में गांठ, असामान्य दर्द, निपल्स से स्राव, या त्वचा में बदलाव जैसे लक्षणों का ध्यान रखें। अगर इनमें से कोई लक्षण महसूस हो, तो डॉक्टर से जांच कराना जरूरी है।

2. क्या ब्रेस्ट कैंसर छूने से दर्द होता है?

ब्रेस्ट कैंसर की गांठ सामान्यत: बिना दर्द के होती है, लेकिन कुछ मामलों में गांठ में हल्का या तेज दर्द भी हो सकता है, खासकर अगर यह बढ़ने लगे या आसपास के ऊतकों पर दबाव डाले।

3. कैंसर कितने दिनों में फैलता है?

कैंसर का फैलाव व्यक्ति की शारीरिक स्थिति और कैंसर के प्रकार पर निर्भर करता है। कुछ मामलों में यह जल्दी फैल सकता है, जबकि कुछ में इसे फैलने में कई साल लग सकते हैं। समय पर इलाज से कैंसर के फैलाव को रोका जा सकता है।

4. ब्रेस्ट कैसे चेक करें?

ब्रेस्ट चेक करने के लिए दोनों हाथों को सिर के ऊपर उठाकर और फिर सीधे खड़े होकर ब्रेस्ट की पूरी सतह की जांच करें। ध्यान दें कि कहीं गांठ, असामान्य सूजन, या त्वचा में कोई बदलाव तो नहीं है। इस प्रक्रिया को नियमित रूप से करें।

5. कैसे पता चलेगा कि गांठ कैंसर है या नहीं?

अगर ब्रेस्ट में गांठ महसूस हो, तो उसे डॉक्टर से जांच करवाना जरूरी है। डॉक्टर बायोप्सी, सोनोग्राफी, और मैमोग्राफी जैसे टेस्ट करके यह तय करेंगे कि गांठ कैंसर है या नहीं।

निष्कर्ष

स्तन कैंसर से लड़ाई मुश्किल नहीं है, मुश्किल है इसे समय पर पहचानना। हर महिला को अपने शरीर के संकेतों को गंभीरता से लेना चाहिए। अगर किसी भी तरह की गांठ, बदलाव या असामान्य लक्षण महसूस हों, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें। डरने के बजाय सही जानकारी और समय पर कदम उठाना ही असली सुरक्षा है।

अगर आपको या आपके परिवार की किसी महिला को ऐसे लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत विशेषज्ञ से सलाह लें। डॉ. पूजा बबर, गुड़गाँव की जानी-मानी कैंसर विशेषज्ञ और बेस्ट मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट हैं। स्तन कैंसर की रोकथाम, पहचान और इलाज के लिए उनसे परामर्श (consultation) लेना आपके स्वास्थ्य की सबसे अहम निवेश हो सकता है।

 

आपकी सेहत ही आपकी सबसे बड़ी ताक़त है – इसे सुरक्षित रखें और जागरूक बनें।

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