किडनी (गुर्दे) का कैंसर, लक्षण, कारण और बचाव के उपाय

किडनी (गुर्दे) का कैंसर, लक्षण, कारण और बचाव के उपाय

गुर्दे का कैंसर महिलाओं और पुरुषों में पाया जाने वाला गंभीर रोग है। किडनी हमारे शरीर का बेहद महत्वपूर्ण अंग है। यह खून को साफ़ करती है, अतिरिक्त पानी और गंदगी को पेशाब के रूप में बाहर निकालती है और शरीर में खनिजों का संतुलन बनाए रखती है। इसके अलावा ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने और लाल रक्त कोशिकाओं (Red blood cells) के बनने में भी किडनी की अहम भूमिका होती है।

जब किडनी की कोशिकाएं असामान्य तरीके से बढ़ने लगती हैं और उनका विकास नियंत्रण से बाहर हो जाता है, तब किडनी का कैंसर शुरू होता है।

किडनी कैंसर क्या होता है?

किडनी कैंसर एक ऐसी स्थिति है जिसमें किडनी की कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं और किडनी में ट्यूमर के लक्षण दिखाई दे सकते हैं। यह ट्यूमर कैंसरयुक्त हो सकता है, जिसका मतलब है कि यह सिर्फ किडनी तक सीमित न रहकर शरीर के अन्य हिस्सों तक फैल सकता है।

सबसे आम प्रकार है रेनल सेल कार्सिनोमा, जो ज्यादातर वयस्कों में देखा जाता है। इसके अलावा ट्रांज़िशनल सेल कार्सिनोमा और बच्चों में पाया जाने वाला विल्म्स’ ट्यूमर भी किडनी कैंसर के प्रकार हैं।

आसान शब्दों में समझें –

  • सामान्य कोशिकाएं नियंत्रित तरीके से बढ़ती और मरती हैं।

  • कैंसर कोशिकाएं नियंत्रण खो देती हैं और लगातार बढ़ती रहती हैं।

  • जब यह समस्या किडनी में होती है, तो इसे किडनी कैंसर कहा जाता है।

किडनी में ट्यूमर के लक्षण

किडनी में ट्यूमर के लक्षण शुरुआती स्टेज में अक्सर स्पष्ट नहीं होते। जैसे-जैसे बीमारी बढ़ती है, ये संकेत मिल सकते हैं:

  • पेशाब में खून आना – लाल या गहरा भूरा पेशाब दिखाई दे सकता है।

  • कमर या पेट के साइड में दर्द – अक्सर पीठ दर्द समझकर नजरअंदाज कर दिया जाता है।

  • पेट या कमर में गांठ महसूस होना – हाथ लगाने पर लंप या मास महसूस हो सकता है।

  • बिना वजह वजन कम होना – अचानक और तेजी से वजन घटना।

  • लगातार थकान और कमजोरी – सामान्य काम करने पर भी थकान महसूस होना।

  • बार-बार बुखार – बिना इन्फेक्शन के हल्का बुखार बना रह सकता है।

ध्यान दें, ये लक्षण अन्य बीमारियों में भी हो सकते हैं। सही जांच के लिए डॉक्टर से परामर्श जरूरी है।

किडनी कैंसर के प्रमुख कारण

किडनी कैंसर के कुछ सामान्य कारण हैं:

  • धूम्रपान – स्मोकिंग करने वालों में रिस्क दोगुना।

  • मोटापा – हार्मोनल बदलाव और कैंसर के विकास का खतरा।

  • हाई ब्लड प्रेशर – लंबे समय तक अनियंत्रित ब्लड प्रेशर किडनी को नुकसान पहुंचाता है।

  • जेनेटिक कारण – परिवार में किसी को किडनी कैंसर होने पर अगली पीढ़ी में रिस्क बढ़ जाता है।

  • लंबे समय तक दवाइयां लेना – खासकर पेनकिलर्स या अन्य स्पेसिफिक मेडिसिन्स।

  • कमजोर इम्यून सिस्टम – कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोग अधिक प्रभावित होते हैं।

किडनी कैंसर से बचाव के उपाय

किडनी कैंसर को पूरी तरह रोकना मुश्किल है, लेकिन इन आदतों से रिस्क कम किया जा सकता है:

  • धूम्रपान छोड़ें।

  • संतुलित और हेल्दी डाइट – ताज़ी सब्जियां, फल, दालें और होल ग्रेन्स।

  • नियमित व्यायाम – रोज़ाना कम से कम 30 मिनट सक्रिय रहें।

  • वजन नियंत्रित रखें।

  • नमक और प्रोसेस्ड फ़ूड से बचें।

  • पर्याप्त पानी पिएं।

  • नियमित चेकअप कराते रहें, खासकर अगर फैमिली हिस्ट्री हो।

किडनी कैंसर का इलाज

इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि कैंसर किस स्टेज में है और मरीज की हेल्थ कैसी है:

  • सर्जरी – पूरी किडनी या उसका हिस्सा हटाना।

  • टार्गेटेड थेरेपी – दवाइयां सीधे कैंसर सेल्स पर काम करती हैं।

  • इम्यूनोथेरपी – इम्यून सिस्टम को मजबूत करके कैंसर से लड़ना।

  • रेडिएशन थेरेपी – हाई-एनर्जी रेडिएशन से कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करना।

  • कीमोथेरपी – कुछ मामलों में उपयोग होती है।

आजकल रोबोटिक और मिनिमली इनवेसिव सर्जरी से रिकवरी तेज़ और side effects कम होते हैं।

कब करें डॉक्टर से संपर्क?

अगर पेशाब में खून दिखे, वजन अचानक कम हो, पेट या कमर में दर्द या गांठ महसूस हो, तो तुरंत ऑन्कोलॉजिस्ट या यूरोलॉजिस्ट से संपर्क करें।

निष्कर्ष

किडनी का कैंसर गंभीर है, लेकिन शुरुआती पहचान और सही इलाज से इसे पूरी तरह हराया जा सकता है। स्वस्थ lifestyle अपनाएँ – धूम्रपान छोड़ें, हेल्दी डाइट लें, वजन नियंत्रित रखें और नियमित चेकअप कराएँ।

यदि आपको या आपके किसी प्रियजन को किडनी कैंसर या किसी अन्य प्रकार के कैंसर का इलाज करवाने की आवश्यकता है, तो आप गुरुग्राम में सर्वश्रेष्ठ मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट, डॉ. पूजा बब्बर से संपर्क कर सुरक्षित और विशेषज्ञ देखभाल सुनिश्चित कर सकते हैं। उनके अनुभव और विशेषज्ञता के कारण मरीजों को कीमोथेरपी, टार्गेटेड थेरेपी और इम्यूनोथेरपी जैसी एडवांस्ड ट्रीटमेंट्स मिलती हैं, जिससे उनकी स्वास्थ्य यात्रा बेहतर और सुविधाजनक बनती है।

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