क्या IVF कराने से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ता है

क्या IVF कराने से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ता है

आज के समय में इनफर्टिलिटी (बांझपन) की समस्या कई कपल्स को प्रभावित कर रही है, और इसी वजह से IVF (In-Vitro Fertilization) एक आम इलाज बनता जा रहा है। लेकिन IVF को लेकर एक सवाल अक्सर पूछा जाता है — क्या IVF कराने से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है? इस ब्लॉग में हम इसी सवाल का विस्तार से और सरल भाषा में जवाब देने की कोशिश करेंगे।

IVF होता क्या है?

IVF एक मेडिकल प्रक्रिया है जिसमें महिला के अंडाणु (eggs) और पुरुष के शुक्राणु (sperm) को शरीर के बाहर मिलाया जाता है और फिर बने भ्रूण (embryo) को महिला के गर्भाशय में प्रत्यारोपित किया जाता है। इस प्रक्रिया में अक्सर महिला को हॉर्मोनल इंजेक्शन दिए जाते हैं ताकि अधिक अंडाणु बन सकें।

यह डर क्यों है कि IVF से ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है?

IVF के दौरान इस्तेमाल होने वाले हॉर्मोनल ट्रीटमेंट, विशेष रूप से एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के स्तर को कृत्रिम रूप से बढ़ाया जाता है। ये हॉर्मोन वही हैं जो महिला के शरीर में स्वाभाविक रूप से भी मौजूद होते हैं, लेकिन जब इनकी मात्रा अचानक बहुत बढ़ जाती है, तो यह सवाल उठता है कि कहीं ये स्तन ऊत्तकों (breast tissues) में असामान्य वृद्धि या कैंसर का कारण तो नहीं बनते?

 रिसर्च क्या कहती है?

लघु अवधि के अध्ययन (Short-term studies):

अब तक के कई छोटे और मध्यम अवधि के शोध बताते हैं कि IVF कराने से ब्रेस्ट कैंसर का सीधा खतरा नहीं बढ़ता। कुछ स्टडीज़ ने यह भी पाया है कि IVF के कारण एस्ट्रोजन की बढ़ी हुई मात्रा शरीर में कुछ समय के लिए ही रहती है, और यह पर्याप्त नहीं है कि वह कैंसर उत्पन्न करे।

दीर्घकालिक अध्ययन (Long-term studies):

कुछ शोधों ने महिलाओं को 20–30 साल तक फॉलो किया और पाया कि IVF से ब्रेस्ट कैंसर के खतरे में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ।

उदाहरण:

  • एक नीदरलैंड आधारित स्टडी जिसमें 25,000 महिलाओं को शामिल किया गया था, यह पाया गया कि IVF से गुजरने वाली महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का जोखिम आम जनसंख्या के बराबर ही था।

  • कुछ स्टडीज़ में बहुत हल्का बढ़ा हुआ रिस्क देखा गया, लेकिन यह उन महिलाओं में ज्यादा था जो पहले से किसी पारिवारिक या जेनेटिक रिस्क में थीं।

 IVF शुरू करने से पहले कौन-से मेडिकल टेस्ट ज़रूरी होते हैं?

IVF सिर्फ एक मेडिकल प्रक्रिया नहीं, बल्कि एक प्लान्ड और प्रीसाइज़ स्टेप-बाय-स्टेप ट्रीटमेंट होता है। इससे पहले कुछ ज़रूरी मेडिकल टेस्ट कराना बेहद अहम होता है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि महिला का शरीर हॉर्मोनल बदलाव और प्रेग्नेंसी के लिए तैयार है।

  1. हॉर्मोन प्रोफाइल टेस्ट – FSH, LH, AMH, प्रोलैक्टिन आदि की जांच से ओवरी की क्षमता का पता चलता है।

  2. पेल्विक ट्रांसवेजाइनल अल्ट्रासाउंड – यूट्रस और ओवरी की हेल्थ देखने के लिए।

  3. ब्रेस्ट हेल्थ स्क्रीनिंग – अगर उम्र 35 से ज़्यादा है या परिवार में कैंसर का इतिहास है तो मैमोग्राफी या ब्रेस्ट अल्ट्रासाउंड ज़रूरी है।

  4. थायरॉइड और ब्लड शुगर टेस्ट – मेटाबॉलिक हेल्थ का पता चलता है जो फर्टिलिटी को प्रभावित कर सकती है।

  5. हेपेटाइटिस, HIV और जेनेटिक डिसऑर्डर की जांच – प्रेग्नेंसी और बच्चे की सेहत के लिए ज़रूरी है।

इन टेस्ट्स से न सिर्फ IVF की सफलता के चांस बढ़ते हैं, बल्कि इससे महिला की सुरक्षा भी सुनिश्चित होती है।

किन महिलाओं को थोड़ा ज्यादा ध्यान देना चाहिए?

IVF से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा आमतौर पर नहीं होता, लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों में यह खतरा थोड़ा बढ़ सकता है:

  1. अगर परिवार में ब्रेस्ट कैंसर का इतिहास हो

  2. अगर महिला को BRCA1 या BRCA2 जैसे जेनेटिक म्यूटेशन हैं

  3. अगर पहले से ब्रेस्ट में गांठ (fibroadenoma) जैसी समस्याएं हैं

इन मामलों में IVF से पहले एक कैंसर विशेषज्ञ या गायनाकोलॉजिस्ट से विशेष सलाह लेना ज़रूरी होता है।

IVF के फायदे बनाम जोखिम

IVF एक जीवन बदलने वाली तकनीक है जिसने लाखों महिलाओं को माँ बनने का मौका दिया है। हालांकि, कोई भी मेडिकल प्रक्रिया पूरी तरह से जोखिम-मुक्त नहीं होती। इसलिए यह ज़रूरी है कि IVF कराने से पहले सभी पहलुओं पर विचार किया जाए, विशेष रूप से यदि कोई अन्य स्वास्थ्य समस्या पहले से मौजूद हो।

क्या सावधानियां रखनी चाहिए?

  1. IVF शुरू करने से पहले पूरी मेडिकल हिस्ट्री बताएं।

  2. अगर परिवार में कैंसर का इतिहास है, तो जेनेटिक काउंसलिंग करवाएं।

  3. प्रत्येक चरण में रेगुलर चेकअप करवाएं।

  4. ब्रेस्ट सेल्फ-एग्ज़ामिनेशन और मैमोग्राफी नियमित रूप से कराएं।

निष्कर्ष: डरें नहीं, लेकिन सतर्क रहें

अब तक के अधिकांश शोध यह साबित नहीं करते कि IVF से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा सीधा बढ़ता है। यह प्रक्रिया लाखों महिलाओं के लिए सुरक्षित रही है। हाँ, अगर कुछ खास रिस्क फैक्टर्स मौजूद हैं, तो सतर्क रहना जरूरी है।

विशेषज्ञ की राय

डॉ. पूजा बब्बर, जो एक अनुभवी कैंसर विशेषज्ञ (Cancer specialist) हैं, उनका मानना है कि “हर महिला का शरीर और उसकी मेडिकल हिस्ट्री अलग होती है। IVF एक सुरक्षित प्रक्रिया है, लेकिन अगर परिवार में ब्रेस्ट कैंसर का इतिहास है या किसी महिला को हॉर्मोन-सेंसिटिव समस्याएं रही हैं, तो उसे विशेष सलाह और मॉनिटरिंग की ज़रूरत होती है।”

डॉ. पूजा बब्बर ने हजारों कैंसर पेशेंट्स का सफल इलाज किया है और उन्हें नया जीवन दिया है। उनकी सलाह और समय पर इलाज ने कई परिवारों को उम्मीद की किरण दी है। अगर आपके मन में IVF और कैंसर को लेकर कोई डर या सवाल है, तो उनके जैसे विशेषज्ञ की राय जरूर लें।

अगर आप या आपका कोई जानने वाला IVF की प्रक्रिया पर विचार कर रहा है और ब्रेस्ट कैंसर को लेकर चिंतित है, तो सही जानकारी और डॉक्टर की सलाह ही सबसे अच्छा रास्ता है।

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