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कैंसर क्या है और क्यों होता है?

कैंसर कोई एक बीमारी नहीं है, बल्कि यह 100 से ज़्यादा अलग-अलग बीमारियों का समूह है। इसका मूल कारण यह होता है कि शरीर की कुछ कोशिकाएं अनियंत्रित तरीके से बढ़ने लगती हैं और अपने आसपास के ऊतकों पर आक्रमण कर देती हैं। ये कोशिकाएं शरीर के अन्य भागों में भी फैल सकती हैं (जिसे मेटास्टेसिस कहा जाता है)।

शरीर में रोज़ाना लाखों कोशिकाएं बनती और खत्म होती हैं। लेकिन जब ये प्रक्रिया नियंत्रण से बाहर हो जाती है, तब शुरू होता है कैंसर का सफर।

कैंसर क्यों होता है?

 1. डीएनए में बदलाव (Mutation):

कैंसर का मुख्य कारण डीएनए में अचानक होने वाला बदलाव (mutation) होता है। डीएनए हमारे शरीर की कोशिकाओं को यह निर्देश देता है कि उन्हें क्या करना है। अगर डीएनए में गड़बड़ी हो जाती है, तो कोशिकाएं लगातार बढ़ती जाती हैं और मरती नहीं — जिससे कैंसर बनता है।

 2. आनुवांशिक कारण (Genetic):

कुछ लोगों को जन्म से ही कुछ जीन में बदलाव (mutated genes) मिलते हैं जो कैंसर की संभावना को बढ़ा देते हैं। उदाहरण के लिए, BRCA1 और BRCA2 जीन में बदलाव से स्तन और ओवरी के कैंसर का खतरा अधिक होता है।

3. बाहरी कारण (Lifestyle & Environment):

  • धूम्रपान और तंबाकू: यह सबसे बड़ा कारण है — लंग कैंसर, माउथ कैंसर, गले का कैंसर इसके उदाहरण हैं।

  • अस्वस्थ खानपान और मोटापा: जंक फूड, प्रोसेस्ड फूड, शुगर और रेड मीट का ज़्यादा सेवन।

  • शारीरिक निष्क्रियता: एक्टिव न रहना भी रिस्क बढ़ा सकता है।

  • संक्रमण: कुछ वायरस जैसे HPV, हेपेटाइटिस B और C भी कैंसर से जुड़े होते हैं।

  • प्रदूषण और रेडिएशन: रेडॉन गैस, यूवी किरणें और कैमिकल्स के लगातार संपर्क से भी खतरा बढ़ता है।

कैंसर के प्रकार

  • ब्रेस्ट कैंसर

  • गर्भाशय / सर्वाइकल कैंसर

  • फेफड़े का कैंसर

  • त्वचा का कैंसर (Melanoma)

  • प्रोस्टेट कैंसर

  • बच्चों में ल्यूकेमिया (Blood Cancer)

 हर कैंसर का अलग लक्षण और इलाज होता है, इसलिए सही डायग्नोसिस बहुत ज़रूरी है।

कैंसर के लक्षण — इन संकेतों को नजरअंदाज़ न करें:

  • लगातार थकावट

  • शरीर के किसी हिस्से में गांठ या सूजन

  • बिना वजह वज़न कम होना

  • लंबे समय तक खांसी या आवाज़ बैठना

  • शरीर में असामान्य रक्तस्राव

  • पाचन या मूत्र संबंधी बदलाव

  • किसी घाव का न भरना

  • ब्रेस्ट या टेस्टिकल में बदलाव

ध्यान रखें: ये लक्षण कैंसर के अलावा अन्य बीमारियों के भी हो सकते हैं, पर लापरवाही न बरतें।

 


 

कैसे होता है कैंसर का निदान?

  • ब्लड टेस्ट

  • इमेजिंग (CT Scan, MRI, PET Scan)

  • बायोप्सी – कैंसर की पुष्टि करने के लिए सबसे जरूरी टेस्ट

  • एंडोस्कोपी – शरीर के भीतर जांच के लिए

  • जीनोमिक प्रोफाइलिंग (Genetic Testing) – आधुनिक कैंसर ट्रीटमेंट की दिशा

कैंसर का इलाज कैसे होता है?

इलाज का चयन इस पर निर्भर करता है कि कैंसर कौन-से स्टेज पर है, कौन-से अंग में है और मरीज की समग्र सेहत कैसी है।

 1. सर्जरी:

ट्यूमर को शरीर से निकाल देना। कई बार आसपास के ऊतकों को भी हटाना पड़ता है।

 2. कीमोथेरेपी:

दवाओं द्वारा कैंसर कोशिकाओं को मारने का तरीका। इसके साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं, लेकिन अब बेहतर दवाएं उपलब्ध हैं।

 3. रेडिएशन थेरेपी:

एक्स-रे या गामा किरणों द्वारा कैंसर कोशिकाओं को खत्म किया जाता है।

 4. इम्यूनोथेरेपी और टारगेटेड थेरेपी:

ये आधुनिक इलाज के तरीके हैं जहां शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कैंसर से लड़ने में सक्षम बनाया जाता है।

 5. हार्मोन थेरेपी:

कई तरह के कैंसर हार्मोन के द्वारा बढ़ते हैं, जैसे ब्रेस्ट और प्रोस्टेट कैंसर। इन हार्मोन्स को नियंत्रित करने की दवाएं दी जाती हैं।

कैंसर से कैसे बचा जा सकता है? (Prevention Tips)

  • धूम्रपान, तंबाकू और शराब से दूरी बनाएं

  • हेल्दी डाइट लें – फल, सब्जियां, फाइबर

  • नियमित एक्सरसाइज़ करें

  • सूरज की किरणों से खुद को बचाएं

  • समय-समय पर स्क्रीनिंग और हेल्थ चेकअप कराएं

  • सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिज़ीज़ से बचाव के लिए सावधानी रखें

निष्कर्ष

कैंसर आज के समय में एक बड़ी चुनौती है, लेकिन यह जानलेवा नहीं होना चाहिए—यदि समय रहते पहचान और इलाज हो। सही जानकारी, जागरूकता और विशेषज्ञ मार्गदर्शन से कैंसर से लड़ा जा सकता है।

डॉ. पूजा बब्बर एक वरिष्ठ और अनुभवी मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट हैं, जो पिछले 10+ वर्षों से कैंसर मरीज़ों के इलाज में समर्पित हैं। उन्होंने अब तक 5000+ से ज़्यादा मरीजों को कीमोथेरेपी, इम्यूनोथेरेपी और टार्गेटेड थेरेपी जैसी आधुनिक तकनीकों से सफल इलाज दे चुकी हैं।

उनकी सबसे बड़ी खासियत है – हर मरीज को सिर्फ इलाज नहीं, बल्कि विश्वास और उम्मीद देना। वे कैंसर की सिर्फ शारीरिक नहीं, बल्कि मानसिक और भावनात्मक जंग में भी मरीज़ों का पूरा साथ निभाती हैं। चाहे बात हो कैंसर स्क्रीनिंग, अर्ली डिटेक्शन, या एडवांस स्टेज ट्रीटमेंट की — डॉ. बब्बर हर केस को व्यक्तिगत अप्रोच के साथ देखती हैं।

वो सिर्फ डॉक्टर नहीं, बल्कि एक Cancer Care Advocate हैं, जिनका मिशन है:
"हर मरीज़ को न सिर्फ इलाज मिले, बल्कि वो इलाज को समझे और उसमें भरोसा करे।"

अगर आप या आपके किसी अपने को कैंसर से जुड़ा डर, सवाल या ज़रूरत हो — डॉ. पूजा बब्बर से संपर्क करना पहला और सही कदम हो सकता है।

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