कीमोथेरेपी के दौरान ओरल अल्सर: कारण, लक्षण और बचाव के उपाय

कीमोथेरेपी के दौरान ओरल अल्सर: कारण, लक्षण और बचाव के उपाय

कीमोथेरेपी कैंसर के इलाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, लेकिन इसके कुछ साइड इफेक्ट्स भी होते हैं। इनमें से एक आम समस्या है ओरल अल्सर (मुँह में छाले या घाव)। ये अल्सर मरीज के खाने-पीने और बोलने में परेशानी पैदा कर सकते हैं, जिससे जीवन की गुणवत्ता प्रभावित होती है। इस ब्लॉग में हम विस्तार से समझेंगे कि कीमोथेरेपी के दौरान ओरल अल्सर क्यों होते हैं, उनके लक्षण क्या हैं और उनसे राहत पाने के उपाय क्या हैं।

1. कीमोथेरेपी के दौरान ओरल अल्सर क्यों होते हैं?

कीमोथेरेपी शरीर में कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने के लिए दी जाती है, लेकिन यह शरीर की स्वस्थ कोशिकाओं को भी प्रभावित कर सकती है। मुँह, गले और आंतों की कोशिकाएँ तेजी से बढ़ती हैं, इसलिए ये कीमोथेरेपी के असर से जल्दी प्रभावित होती हैं।

जब मुँह की कोशिकाएँ कमजोर हो जाती हैं, तो वहाँ घाव या छाले बनने लगते हैं, जिन्हें म्यूकोसाइटिस (Mucositis) भी कहा जाता है।

मुख्य कारण:

  • कीमोथेरेपी की दवाएँ: कुछ दवाएँ मुँह की नाज़ुक परत को नुकसान पहुँचाती हैं।
  • इम्यून सिस्टम की कमजोरी: कीमोथेरेपी शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को कम कर देती है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
  • शुष्क मुँह (Dry Mouth): कीमोथेरेपी के कारण लार बनना कम हो जाता है, जिससे मुँह सूखा रहता है और अल्सर जल्दी बनते हैं।
  • खराब मौखिक स्वच्छता: अगर मुँह की सही देखभाल न की जाए तो अल्सर और बढ़ सकते हैं।

2. ओरल अल्सर के लक्षण

कीमोथेरेपी के दौरान ओरल अल्सर धीरे-धीरे विकसित होते हैं। शुरुआत में मुँह में हल्की जलन या रूखापन महसूस होता है, जो बाद में गंभीर रूप ले सकता है।

मुख्य लक्षण:

  • छोटे-छोटे लाल या सफेद छाले: होंठ, जीभ, गालों के अंदरूनी हिस्से या गले में हो सकते हैं।
  • मुँह में जलन या दर्द: खासतौर पर खाने-पीने या बात करने में।
  • खाने-पीने में दिक्कत: मसालेदार या गरम चीज़ें खाने पर जलन बढ़ जाती है।
  • मुँह का सूखापन: लार कम बनने से मुँह में खुश्की महसूस होती है।
  • मुंह से बदबू: संक्रमण की वजह से हो सकती है।
  • खून आना: गंभीर स्थिति में अल्सर से हल्का खून भी आ सकता है।

अगर ये लक्षण 10-14 दिनों से ज़्यादा बने रहते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

3. ओरल अल्सर से राहत के घरेलू उपाय

कीमोथेरेपी के दौरान ओरल अल्सर से बचने और राहत पाने के लिए कुछ आसान घरेलू उपाय आज़माए जा सकते हैं।

घरेलू उपाय:

  • गुनगुने पानी से कुल्ला करें: हल्के गर्म पानी में थोड़ा सा नमक या बेकिंग सोडा मिलाकर दिन में 3-4 बार कुल्ला करें।
  • बर्फ के टुकड़े चूसें: मुँह में ठंडक पहुँचाने के लिए बर्फ के टुकड़े या ठंडी चीज़ें चूसें।
  • हल्दी वाला दूध पिएं: हल्दी में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो घाव भरने में मदद करते हैं।
  • शहद लगाएँ: शुद्ध शहद को प्रभावित हिस्से पर लगाने से आराम मिलता है।
  • एलोवेरा जूस पिएं: यह मुँह की जलन और सूजन को कम करने में मदद करता है।

4. खाने-पीने में ध्यान दें

कीमोथेरेपी के दौरान सही खानपान अपनाकर ओरल अल्सर को कम किया जा सकता है।

क्या खाएँ?

  • ठंडी और मुलायम चीज़ें (दही, दलिया, केला)

  • नारियल पानी या सादा पानी अधिक मात्रा में पिएं

  • हर्बल टी या कैमोमाइल टी पिएं

    विटामिन B और C युक्त आहार लें (नींबू, संतरा, गाजर, पालक)

क्या न खाएँ?

  • मसालेदार, खट्टे और तले-भुने खाद्य पदार्थ
  • बहुत गरम या ठंडे पेय
  • कैफीन और शराब

5. डॉक्टर द्वारा सुझाए गए उपाय

अगर ओरल अल्सर ज़्यादा हो रहे हैं, तो डॉक्टर कुछ दवाएँ या माउथवॉश लिख सकते हैं।

डॉक्टर द्वारा दिए जाने वाले ट्रीटमेंट:

  • एंटीसेप्टिक माउथवॉश (Chlorhexidine)
  • दर्द कम करने वाली जेल (Lidocaine Gel)
  • एंटीफंगल दवाएँ (अगर संक्रमण हो)
  • स्टेरॉयड माउथ रिंस (Severe केस में)

6. ओरल अल्सर से बचाव के तरीके

कीमोथेरेपी के दौरान अगर पहले से ही कुछ सावधानियाँ बरती जाएँ, तो ओरल अल्सर से काफी हद तक बचा जा सकता है।

बचाव के लिए सुझाव:

  • कीमोथेरेपी शुरू करने से पहले ही डेंटल चेकअप कराएँ।
  • मुलायम ब्रश और माइल्ड टूथपेस्ट (Fluoride-Free) का इस्तेमाल करें।
  • खूब पानी पिएं ताकि मुँह सूखा न रहे।
  • सिगरेट और शराब से दूर रहें।
  • तनाव कम करें, क्योंकि स्ट्रेस भी अल्सर बढ़ा सकता है।

कीमोथेरेपी के दौरान ओरल अल्सर के लिए सही माउथ केयर रूटीन

अगर आप कीमोथेरेपी के कारण बार-बार मुँह के छालों से परेशान हैं, तो एक सही माउथ केयर रूटीन अपनाना बेहद ज़रूरी है।

सुबह और रात को:

  • नरम ब्रश और बिना फ्लोराइड वाला टूथपेस्ट इस्तेमाल करें।
  • ब्रश करने के बाद हल्के गुनगुने पानी से कुल्ला करें।
  • माउथवॉश का इस्तेमाल करें (डॉक्टर द्वारा सुझाया गया)।

दिनभर में:

  • हर 1-2 घंटे में सादा पानी या नारियल पानी पिएं।
  • शुगर-फ्री च्युइंग गम या आइस क्यूब चूसें, ताकि मुँह में नमी बनी रहे।
  • तीखा, खट्टा और गरम खाना खाने से बचें।

अगर अल्सर ज़्यादा हो जाए तो:

  • डॉक्टर से एंटीसेप्टिक जेल या मेडिकेटेड माउथ रिंस लिखवाएँ।
  • खाने से पहले लिडोकैन जेल लगाएँ, ताकि दर्द कम हो।
  • बेकिंग सोडा और पानी मिलाकर कुल्ला करें (दिन में 2-3 बार)।

सही देखभाल से आप कीमोथेरेपी के दौरान भी मुँह की समस्याओं से राहत पा सकते हैं!

निष्कर्ष

कीमोथेरेपी के दौरान ओरल अल्सर एक आम समस्या है, लेकिन सही देखभाल और खानपान से इसे कम किया जा सकता है। अगर मुँह में छाले ज़्यादा तकलीफ दे रहे हैं, तो डॉक्टर से सलाह लेना बहुत ज़रूरी है।

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