कीमोथेरेपी कैंसर के इलाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, लेकिन इसके बाद शरीर पर कुछ असर हो सकते हैं। कुछ लोगों को हल्के साइड इफेक्ट होते हैं, जबकि कुछ को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। यह ज़रूरी है कि कीमोथेरेपी के बाद शरीर में होने वाले बदलावों को समझें और अगर कोई गंभीर लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
इस लेख में हम उन 5 मुख्य चेतावनी संकेतों के बारे में बता रहे हैं जिन्हें कीमोथेरेपी के बाद नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
1. तेज बुखार या संक्रमण
कीमोथेरेपी के बाद शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। अगर कीमोथेरेपी के बाद बार-बार बुखार आ रहा है या शरीर में संक्रमण के लक्षण दिख रहे हैं, तो यह चिंता का विषय हो सकता है।
संकेत:
- 100.4 डिग्री फारेनहाइट या उससे अधिक बुखार
- ठंड लगना या पसीना आना
- गले में खराश या खांसी
- शरीर में कमजोरी और सुस्ती
क्या करें:
- तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें
- ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं
- साफ-सफाई का ध्यान रखें और भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचें
2. बहुत ज्यादा थकान और कमजोरी
कीमोथेरेपी के बाद थकान महसूस होना सामान्य है, लेकिन अगर यह थकान इतनी ज्यादा हो कि रोजमर्रा के काम भी मुश्किल लगने लगें, तो यह गंभीर हो सकता है।
संकेत:
- बिना ज्यादा मेहनत किए भी थकान महसूस होना
- शरीर में भारीपन लगना
- लगातार नींद का आना
- चक्कर आना या बेहोशी जैसा महसूस होना
क्या करें:
- पर्याप्त आराम करें और पौष्टिक आहार लें
- डॉक्टर से खून की जांच करवाएं ताकि एनीमिया जैसी समस्या का पता चल सके
- हल्का व्यायाम करें और ताजी हवा में समय बिताएं
3. असामान्य ब्लीडिंग या खून के धब्बे
कीमोथेरेपी के कारण शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या कम हो सकती है, जिससे खून का थक्का बनने में दिक्कत आ सकती है। इससे बिना किसी कारण ज्यादा ब्लीडिंग हो सकती है।
संकेत:
- नाक या मसूड़ों से खून आना
- पेशाब या मल में खून दिखना
- शरीर पर बिना किसी चोट के नीले या लाल धब्बे पड़ना
- हल्की चोट में भी ज्यादा खून बहना
क्या करें:
- तुरंत डॉक्टर से सलाह लें
- ज्यादा ब्लीडिंग होने पर अस्पताल जाएं
- नुकीली चीजों से बचें और हल्के ब्रश का इस्तेमाल करें
4. सांस लेने में दिक्कत या सीने में दर्द
कुछ मामलों में, कीमोथेरेपी फेफड़ों पर असर डाल सकती है जिससे सांस लेने में परेशानी हो सकती है। यह हार्ट प्रॉब्लम का भी संकेत हो सकता है, इसलिए इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
संकेत:
- हल्का काम करने के बाद भी सांस फूलना
- सीने में भारीपन या दर्द महसूस होना
- लेटने पर सांस लेने में कठिनाई
- होंठ या उंगलियों का रंग नीला पड़ जाना
क्या करें:
- आराम करने के बावजूद अगर सांस फूल रही है तो तुरंत डॉक्टर से मिलें
- ताजी हवा में सांस लें और धूल-धुएं से बचें
- अगर लक्षण गंभीर हैं, तो तुरंत मेडिकल सहायता लें
5. गंभीर पेट दर्द या पाचन संबंधी समस्याएं
कीमोथेरेपी के बाद कुछ लोगों को उल्टी या दस्त की समस्या हो सकती है। हालांकि, अगर यह समस्या बहुत ज्यादा हो और दवाइयों से भी आराम न मिले, तो यह खतरे का संकेत हो सकता है।
संकेत:
- लगातार उल्टी होना
- 24 घंटे से ज्यादा समय तक डायरिया
- पेट में बहुत ज्यादा दर्द या ऐंठन
- मल में खून आना
क्या करें:
- ज्यादा पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स लें ताकि शरीर में पानी की कमी न हो
- हल्का और सुपाच्य भोजन करें जैसे दलिया, सूप और दही
- अगर लक्षण गंभीर हैं, तो डॉक्टर से संपर्क करें और जरूरत हो तो अस्पताल में भर्ती हों
निष्कर्ष
कीमोथेरेपी के बाद कुछ साइड इफेक्ट होना सामान्य है, लेकिन अगर कोई भी लक्षण ज्यादा गंभीर लगे तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। सही समय पर डॉक्टर से परामर्श लेकर बड़ी समस्याओं को रोका जा सकता है।
अगर आपको तेज बुखार, बहुत ज्यादा थकान, असामान्य ब्लीडिंग, सांस लेने में परेशानी या गंभीर पेट दर्द महसूस हो रहा है, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें। सही समय पर इलाज से जटिलताओं से बचा जा सकता है और सेहत को बेहतर बनाया जा सकता है।
डॉ. पूजा बब्बर – अनुभवी मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट
डॉ. पूजा बब्बर एक विशेषज्ञ मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट हैं, जिन्हें कैंसर के इलाज का 10 वर्षों से अधिक का अनुभव है। उन्होंने 5000 से अधिक मरीजों का कीमोथेरेपी, इम्यूनोथेरेपी और टार्गेटेड थेरेपी से सफलतापूर्वक इलाज किया है।
अगर आप कीमोथेरेपी के बाद किसी समस्या का सामना कर रहे हैं या कैंसर ट्रीटमेंट को लेकर कोई सवाल है, तो
डॉ. पूजा बब्बर से परामर्श लें और सही मार्गदर्शन प्राप्त करें।
सही जानकारी और इलाज से आप अपनी सेहत को बेहतर बना सकते हैं।