कम उम्र की महिलाओं में क्यों हो रहा है ब्रेस्ट कैंसर?

कम उम्र की महिलाओं में क्यों हो रहा है ब्रेस्ट कैंसर?

ब्रेस्ट कैंसर को आमतौर पर एक ऐसी बीमारी माना जाता है जो 40 या 50 साल की उम्र के बाद महिलाओं को प्रभावित करती है। लेकिन हाल के वर्षों में, यह कैंसर कम उम्र की महिलाओं में भी तेजी से बढ़ रहा है। 20 से 30 साल की महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं, जिससे न केवल मरीज बल्कि चिकित्सा विशेषज्ञ भी चिंतित हैं। आखिर ऐसा क्यों हो रहा है? कौन-कौन से कारण इसके पीछे जिम्मेदार हो सकते हैं? और क्या इसे रोका जा सकता है? आइए विस्तार से समझते हैं।

1. कम उम्र में ब्रेस्ट कैंसर के बढ़ते मामलों के कारण

1.1 लाइफस्टाइल और डाइट में बदलाव

आज की तेज़-रफ़्तार जीवनशैली में असंतुलित आहार, जंक फूड की अधिकता और एक्सरसाइज की कमी एक बड़ी समस्या बन चुकी है। हाई-फैट, लो-फाइबर डाइट, अत्यधिक प्रोसेस्ड फूड और शुगर से भरपूर खान-पान शरीर में हार्मोनल असंतुलन पैदा कर सकता है, जो ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को बढ़ाता है।

1.2 तनाव और मानसिक स्वास्थ्य

कम उम्र में करियर, पढ़ाई और निजी जीवन का दबाव महिलाओं को लगातार तनाव में रखता है। लंबे समय तक तनाव बने रहने से शरीर में हार्मोनल असंतुलन हो सकता है, जो कैंसर को बढ़ावा देने वाला एक अहम कारक बन सकता है।

1.3 हार्मोनल असंतुलन और पीरियड्स में गड़बड़ी

पीरियड्स का जल्दी शुरू होना (12 साल से पहले) और देर से मेनोपॉज (55 साल के बाद) ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकता है। साथ ही, अनियमित पीरियड्स, पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS), और हार्मोनल दवाओं का अत्यधिक सेवन भी रिस्क को बढ़ा सकता है।

1.4 गर्भावस्था में देरी और स्तनपान न कराना

पहली प्रेग्नेंसी में देरी (30 साल के बाद) और स्तनपान न कराने से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। स्तनपान ब्रेस्ट टिश्यू में कोशिकाओं की प्राकृतिक सफाई में मदद करता है, जिससे कैंसर के जोखिम को कम किया जा सकता है।

1.5 अनुवांशिक (Genetic) कारक

अगर परिवार में पहले किसी को ब्रेस्ट कैंसर हुआ है, तो अगली पीढ़ी में इसका खतरा बढ़ सकता है। BRCA1 और BRCA2 जैसे जीन में उत्परिवर्तन (mutation) होने पर कम उम्र में भी ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है। यदि किसी महिला की मां या बहन को ब्रेस्ट कैंसर हुआ है, तो उसे भी नियमित रूप से जांच करानी चाहिए।

1.6 अल्कोहल और धूम्रपान की लत

शराब और धूम्रपान का सेवन शरीर में एस्ट्रोजन और अन्य हार्मोन्स के स्तर को प्रभावित कर सकता है, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।

2. कम उम्र में ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण

कम उम्र की महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण अक्सर अनदेखे रह जाते हैं। यह जरूरी है कि महिलाएं इन संकेतों को पहचानें और समय पर डॉक्टर से सलाह लें।

  • स्तन या बगल में कोई गांठ या सूजन
  • निप्पल से असामान्य डिस्चार्ज (खून या द्रव)
  • स्तन के आकार या बनावट में बदलाव
  • त्वचा पर गड्ढे या खुरदरापन आना (ऑरेंज पील टेक्सचर)
  • निप्पल अंदर की ओर धंस जाना
  • लगातार दर्द या जलन महसूस होना

अगर इनमें से कोई भी लक्षण दिखे, तो बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करें।

3. ब्रेस्ट कैंसर से बचाव के उपाय

3.1 नियमित सेल्फ-एग्जामिनेशन करें

हर महीने पीरियड्स के बाद अपने स्तनों की जांच करें। अगर कोई असामान्यता लगे, तो डॉक्टर से मिलें।

3.2 हेल्दी डाइट अपनाएं

फल, हरी सब्जियां, होल ग्रेन, नट्स और प्रोटीन से भरपूर डाइट लें। प्रोसेस्ड और जंक फूड से बचें।

3.3 नियमित एक्सरसाइज करें

हफ्ते में कम से कम 150 मिनट कार्डियो एक्सरसाइज करें। योग और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग भी फायदेमंद हो सकती है।

3.4 स्ट्रेस मैनेजमेंट पर ध्यान दें

योग, मेडिटेशन और पर्याप्त नींद से मानसिक तनाव को कम किया जा सकता है।

3.5 नियमित मेडिकल चेकअप कराएं

अगर आपको जोखिम कारकों का सामना करना पड़ रहा है, तो 25-30 साल की उम्र से ही नियमित रूप से मैमोग्राफी और अन्य स्क्रीनिंग टेस्ट कराएं।

3.6 ब्रेस्टफीडिंग को प्रोत्साहित करें

स्तनपान से हार्मोनल बैलेंस बना रहता है और यह ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को कम करता है।

निष्कर्ष

कम उम्र में ब्रेस्ट कैंसर के बढ़ते मामलों को देखते हुए यह जरूरी है कि महिलाएं जागरूक रहें और अपने स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखें। समय पर सही कदम उठाने से इस बीमारी से बचाव और सफल इलाज दोनों संभव हैं।

डॉ. पूजा बब्बर: एक अनुभवी ऑन्कोलॉजिस्ट

अगर आपको ब्रेस्ट कैंसर से जुड़ी कोई भी चिंता है, तो तुरंत किसी विशेषज्ञ से सलाह लें। डॉ. पूजा बब्बर, जो एक अनुभवी मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट हैं, ने सैकड़ों मरीजों को सही मार्गदर्शन और उपचार देकर कैंसर से मुक्त जीवन जीने में मदद की है। उनकी विशेषज्ञता और समर्पण से कई मरीज कैंसर को मात देकर स्वस्थ जीवन जी रहे हैं।

यदि आपको कोई भी लक्षण महसूस हो रहे हैं या कोई सवाल है, तो आज ही डॉ. पूजा बब्बर से संपर्क करें और अपनी जांच कराएं। याद रखें, जल्द पहचान और सही इलाज से ही कैंसर से बचा जा सकता है!

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