गर्भाशय कैंसर महिलाओं में होने वाला एक गंभीर रोग है। यह कैंसर गर्भाशय की कोशिकाओं में असामान्य वृद्धि के कारण होता है। खासतौर पर महिलाओं में कैंसर के लक्षण शुरुआती चरण में आसानी से नजर नहीं आते, इसलिए समय पर पहचान और रोकथाम बेहद जरूरी है। सही समय पर इलाज शुरू करने से कैंसर को नियंत्रित किया जा सकता है और रोगी का जीवन सुरक्षित रहता है।
गर्भाशय कैंसर के लक्षण
गर्भाशय कैंसर के लक्षण धीरे-धीरे दिखाई देते हैं। महिलाओं को इन लक्षणों पर ध्यान देना चाहिए:
- असामान्य रक्तस्राव: मासिक धर्म के बीच या रजोनिवृत्ति के बाद रक्तस्राव होना।
- योनि से असामान्य स्राव: योनि से पानी जैसा या गंध वाला स्राव निकलना।
- पेट और निचले हिस्से में दर्द: लगातार पेट या कमर में दर्द।
- पेशाब या पाचन में बदलाव: बार-बार पेशाब जाना या कब्ज जैसी समस्या।
- अनजाने वजन में बदलाव: बिना कारण वजन कम या बढ़ना।
- थकान और कमजोरी: शरीर में लगातार कमजोरी या ऊर्जा की कमी महसूस होना।
अगर इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दे, तो तुरंत मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट से सलाह लेना चाहिए। शुरुआती जांच से कैंसर को जल्दी पकड़ा जा सकता है और इलाज सरल हो जाता है।
गर्भाशय कैंसर के कारण
गर्भाशय में कैंसर के कई कारण हो सकते हैं:
- हार्मोनल बदलाव: उम्र बढ़ने के साथ हार्मोन का असंतुलन।
- मोटापा और अस्वस्थ जीवनशैली: अधिक वजन और कम सक्रिय जीवनशैली कैंसर का खतरा बढ़ाते हैं।
- आनुवंशिक कारण: परिवार में किसी को गर्भाशय या अन्य स्त्री रोगों का इतिहास।
- हार्मोनल दवाइयाँ: लंबे समय तक हार्मोन की दवाइयाँ लेना।
- इर्रिगुलर मेन्स्ट्रुअल साइकिल्स एंड रिप्रोडक्टिव प्रॉब्लम्स: यह गर्भाशय की कोशिकाओं पर असर डाल सकती हैं।
- पुराने संक्रमण या सूजन: लंबे समय तक गर्भाशय में सूजन या संक्रमण होने से जोखिम बढ़ सकता है।
गर्भाशय कैंसर की जांच
समय पर जांच से गर्भाशय कैंसर के लक्षण पहचानना आसान होता है। मुख्य जांच में शामिल हैं:
- पेल्विक परीक्षा: डॉक्टर गर्भाशय और आसपास के हिस्सों की जांच करते हैं।
- अल्ट्रासाउंड और मैग्नेटिक रेज़ोनेंस इमेजिंग (MRI): गर्भाशय की संरचना और असामान्य वृद्धि का पता लगाने के लिए।
- बायोप्सी: गर्भाशय से नमूना लेकर कोशिकाओं की जांच।
- पैप स्मीयर टेस्ट: गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर की शुरुआती पहचान।
नियमित जांच से कैंसर का पता जल्दी चलता है और इलाज आसान हो जाता है।
गर्भाशय कैंसर से बचाव के उपाय
महिलाओं में कैंसर के लक्षण और जोखिम कम करने के लिए ये उपाय अपनाए जा सकते हैं:
- नियमित स्वास्थ्य जांच: हर साल पेल्विक परीक्षा और पैप स्मीयर टेस्ट कराएँ।
- संतुलित आहार: हरी सब्जियाँ, फल और फाइबर युक्त भोजन।
- नियमित व्यायाम: रोजाना कम से कम 30 मिनट हल्का व्यायाम।
- वजन नियंत्रित रखें: अधिक वजन हार्मोन संतुलन प्रभावित करता है।
- धूम्रपान और शराब से दूरी: ये कैंसर के खतरे को बढ़ाते हैं।
- वैक्सीनेशन: HPV वैक्सीन लेने पर विचार करें।
- तनाव कम करें और पर्याप्त नींद लें।
- हाइजीन का ध्यान रखें: योनि और प्रजनन अंगों की साफ-सफाई।
इन आसान उपायों से गर्भाशय कैंसर का खतरा काफी हद तक कम किया जा सकता है।
गर्भाशय कैंसर का इलाज
गर्भाशय कैंसर का इलाज उसकी अवस्था और प्रकार पर निर्भर करता है:
- सर्जरी: कैंसर ग्रस्त गर्भाशय को हटाना।
- किमोथेरेपी: कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए दवा।
- रेडियोथेरेपी: रेडियोएक्टिव किरणों से कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करना।
- टार्गेटेड और इम्यून थेरेपी: विशेष दवाओं से कैंसर पर हमला करना।
प्रारंभिक अवस्था में इलाज ज्यादा प्रभावी और आसान होता है।
निष्कर्ष
गर्भाशय कैंसर समय पर पहचान और सही इलाज से नियंत्रित किया जा सकता है। इसके लक्षणों की अनदेखी न करें, नियमित जांच कराएँ और स्वस्थ जीवनशैली अपनाएँ।
यदि आप गर्भाशय कैंसर के लक्षण या अन्य महिलाओं से संबंधित कैंसर के लक्षण महसूस कर रहे हैं, तो डॉ. पूजा बब्बर से संपर्क करें। डॉ. बब्बर गुड़गाँव में स्थित हैं और 15 साल से अधिक का अनुभव रखती हैं। वे गुड़गाँव की सर्वश्रेष्ठ मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट में से एक हैं और कैंसर के उपचार में विशेषज्ञ हैं। वे मरीजों को पूरी जानकारी के साथ सहानुभूतिपूर्ण देखभाल प्रदान करती हैं।