कीमोथेरेपी (Chemotherapy) कैंसर का एक बेहद असरदार इलाज है, लेकिन इसके साथ-साथ यह शरीर पर कई तरह के असर भी डालता है। इस दौरान अक्सर मरीजों को थकान, मिचली (Nausea), स्वाद बदलना, मुँह में छाले या भूख कम लगने जैसी परेशानियाँ होती हैं। ऐसे में सही खाना बहुत बड़ी भूमिका निभाता है।
सही आहार न केवल आपको ऊर्जा (Energy) देता है बल्कि इम्यून सिस्टम (Immune System) को मज़बूत करता है और साइड इफेक्ट्स को भी काफी हद तक कम करने में मदद करता है। यह समझना ज़रूरी है कि इस समय खाना सिर्फ पेट भरने का ज़रिया नहीं है, बल्कि आपके इलाज का अहम हिस्सा है।
इसी ब्लॉग में हम विस्तार से समझेंगे कि कीमोथेरेपी के दौरान शरीर को क्या-क्या चाहिए, कीमोथेरेपी में क्या खाएँ और क्या न खाए, किन खाद्य पदार्थों को अपनाना फायदेमंद है और किन्हें नज़रअंदाज़ करना ज़रूरी है।
कीमोथेरेपी में शरीर को क्या ज़रूरत होती है?
जब कोई मरीज कीमोथेरेपी से गुजर रहा होता है, तब शरीर को सामान्य दिनों से कहीं अधिक देखभाल और पोषण की ज़रूरत होती है। इलाज के दौरान शरीर पर काफी दबाव पड़ता है और थकान जल्दी महसूस होती है। ऐसे समय में आहार ऐसा होना चाहिए जो न केवल ऊर्जा दे बल्कि इम्यून सिस्टम (Immune System) को भी मज़बूत करे और ऊतकों (Tissues) की मरम्मत में मदद करे। प्रोटीन, विटामिन्स, मिनरल्स, पर्याप्त कैलोरी और हाइड्रेशन इस चरण में सबसे ज़रूरी होते हैं।
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प्रोटीन (Protein): शरीर की मांसपेशियों को मजबूत रखता है और ऊतकों की मरम्मत करता है।
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कैलोरी (Calories): थकान से लड़ने और ऊर्जा बनाए रखने के लिए।
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विटामिन और मिनरल्स: इम्यून सिस्टम को सपोर्ट करने और रिकवरी में मदद करने के लिए।
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पानी और फ्लूइड्स: शरीर को हाइड्रेटेड रखने और टॉक्सिन्स (Toxins) बाहर निकालने के लिए।
कीमोथेरेपी में क्या खाएँ?
- प्रोटीन से भरपूर खाना
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दाल, मसूर, राजमा
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अंडे (अच्छी तरह पके हुए), चिकन ब्रेस्ट, मछली
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टोफू, पनीर, दही (pasteurized)
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- हल्का और आसानी से पचने वाला भोजन
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खिचड़ी, दलिया (Porridge), मूँग दाल सूप
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उबली हुई सब्जियाँ, वेजिटेबल सूप
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स्मूदी (Smoothies) और शेक्स, जिनमें केले, सेब, पपीता या मौसंबी जैसे हल्के फल हों
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- फल और सब्ज़ियाँ
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पानी से भरपूर फल जैसे तरबूज, खरबूजा
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पके और छीले हुए फल ताकि इंफेक्शन का खतरा न रहे
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पालक, गाजर, चुकंदर जैसी सब्ज़ियाँ, जिन्हें अच्छी तरह पकाकर खाया जाए
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- स्वस्थ वसा (Healthy Fats)
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बादाम, अखरोट, अलसी के बीज (Flaxseeds)
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थोड़ा ऑलिव ऑयल (Olive oil) या घी
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कीमोथेरेपी में क्या न खाएँ?
- तला-भुना और मसालेदार भोजन
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इससे एसिडिटी, उल्टी और मुँह में जलन बढ़ सकती है।
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- कच्चा या अधपका मांस और मछली
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इनमें बैक्टीरिया का खतरा ज़्यादा होता है जो कीमोथेरेपी में इम्यूनिटी कमजोर होने पर खतरनाक साबित हो सकता है।
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- अनपास्त्यूराइज्ड डेयरी और कच्चे अंडे
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इंफेक्शन का रिस्क बढ़ाते हैं।
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- बहुत खट्टे या तीखे खाद्य पदार्थ
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जैसे नींबू, संतरा या अचार अगर मुँह में छाले हों तो और जलन करेंगे।
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- प्रोसेस्ड (Processed) फूड और मीट
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पैकेज्ड स्नैक्स, ज्यादा शक्कर या नमक वाले भोजन से बचें।
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साइड इफेक्ट्स के हिसाब से आहार कैसे बदलें?
कीमोथेरेपी के दौरान हर मरीज का अनुभव अलग होता है। किसी को मुँह में छाले हो सकते हैं, तो किसी को लगातार मिचली या दस्त की समस्या हो सकती है। ऐसे में एक जैसा खाना सबके लिए सही नहीं होता। ज़रूरी है कि अपने लक्षणों के हिसाब से भोजन में छोटे-छोटे बदलाव किए जाएँ, ताकि परेशानी कम हो और शरीर को पोषण मिलता रहे।
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मुँह में छाले हों → मुलायम, ठंडे और हल्के खाने जैसे दही, ठंडी खिचड़ी, स्मूदी और दलिया।
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मिचली (Nausea) हो → छोटे-छोटे भोजन करें, अदरक वाली चाय या नींबू की हल्की खुशबू मदद कर सकती है।
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दस्त (Diarrhea) हो → केला, सेब की चटनी (Apple sauce) और चावल जैसे हल्के, बाइंडिंग (binding) फूड्स लें।
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कब्ज़ (Constipation) हो → साबुत अनाज, हरी सब्ज़ियाँ और पर्याप्त पानी पीना ज़रूरी है।
भोजन की सफाई और हाइजीन का ध्यान क्यों ज़रूरी है?
कीमोथेरेपी के दौरान शरीर की प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) कमजोर हो जाती है, जिस वजह से छोटे-से-छोटे संक्रमण भी बड़ा असर डाल सकते हैं। इसलिए खाने की साफ-सफाई को नज़रअंदाज़ करना खतरनाक हो सकता है। हमेशा कोशिश करें कि भोजन ताज़ा और साफ हो।
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फल और सब्ज़ियों को अच्छी तरह धोकर ही खाएँ।
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खाना हमेशा ताज़ा पकाएँ और ज़्यादा देर तक बाहर न रखें।
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बचे हुए खाने को फ्रिज में सही तरीके से स्टोर करें और दोबारा गरम करके ही खाएँ।
निष्कर्ष
कीमोथेरेपी का सफर आसान नहीं होता, लेकिन सही आहार आपके लिए इस यात्रा को थोड़ा सहज और सुरक्षित बना सकता है। हल्का, पौष्टिक और साफ खाना आपके शरीर को ताकत देता है, साइड इफेक्ट्स को कम करता है और रिकवरी में मदद करता है। याद रखें, क्या खाना है और क्या नहीं, इसका चुनाव आपके इलाज का अहम हिस्सा है।
अगर आप या आपका कोई प्रियजन कीमोथेरेपी से गुजर रहा है और आहार को लेकर कन्फ्यूजन (Confusion) महसूस कर रहा है, तो विशेषज्ञ से सलाह लेना सबसे सही कदम है।
डॉ. पूजा बबर, जो गुरुग्राम की जानी-मानी कैंसर विशेषज्ञ और मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट हैं, आपकी ज़रूरतों के अनुसार सही आहार और उपचार योजना बनाने में मदद कर सकती हैं।