क्या आपने कभी सोचा है कि कुछ महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर ठीक होने के बाद भी दोबारा क्यों हो जाता है? यह एक बड़ा सवाल है, जिससे कई मरीज और उनके परिवार जूझते हैं। ब्रेस्ट कैंसर का सफल इलाज हो जाने के बाद भी यह वापस आ सकता है, जिसे रिकरंट ब्रेस्ट कैंसर कहा जाता है। इसका मतलब यह है कि इलाज के बाद भी कुछ कैंसर कोशिकाएं शरीर में बची रह जाती हैं, जो समय के साथ फिर से विकसित हो सकती हैं।
इस ब्लॉग में हम विस्तार से समझेंगे कि ब्रेस्ट कैंसर दोबारा क्यों होता है, इसके कारण, लक्षण और बचाव के तरीके क्या हैं।
रिकरंट ब्रेस्ट कैंसर क्या होता है?
अगर ब्रेस्ट कैंसर का इलाज (सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी या अन्य तरीके) करने के बाद कुछ सालों बाद फिर से कैंसर लौट आता है, तो इसे रिकरंट ब्रेस्ट कैंसर कहा जाता है।
यह तीन तरह का हो सकता है:
- लोकल रिकारेंस (स्थानीय पुनरावृत्ति) – जब कैंसर उसी जगह पर वापस आता है जहां पहले हुआ था।
- रीजनल रिकारेंस (क्षेत्रीय पुनरावृत्ति) – जब कैंसर पास के लिम्फ नोड्स या ऊतकों में फैलता है।
- डिस्टेंट रिकारेंस (दूरस्थ पुनरावृत्ति) – जब कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों जैसे कि फेफड़े, हड्डियों, लीवर या मस्तिष्क तक फैल जाता है।
ब्रेस्ट कैंसर दोबारा होने के कारण
अब सवाल यह उठता है कि कैंसर ठीक होने के बाद भी यह बार-बार क्यों होता है? इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं।
1. बची हुई कैंसर कोशिकाएं
सर्जरी, कीमोथेरेपी या रेडिएशन थेरेपी के बाद भी शरीर में कुछ कैंसर कोशिकाएं बच सकती हैं। ये कोशिकाएं धीरे-धीरे बढ़कर फिर से कैंसर बना सकती हैं।
2. कैंसर का आक्रामक प्रकार
कुछ प्रकार के ब्रेस्ट कैंसर जैसे ट्रिपल-नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर (TNBC) बहुत आक्रामक होते हैं और इनमें दोबारा लौटने की संभावना ज्यादा होती है।
3. हार्मोन-सेंसिटिव कैंसर
अगर कैंसर हार्मोन-सेंसिटिव (ER/PR पॉजिटिव) है और मरीज ने हार्मोन थेरेपी पूरी नहीं की है, तो दोबारा कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है।
4. जेनेटिक कारण (अनुवांशिक कारण)
अगर परिवार में किसी को ब्रेस्ट कैंसर हुआ है, तो BRCA1 और BRCA2 जैसी जेनेटिक म्यूटेशन के कारण यह दोबारा हो सकता है।
5. अनुचित लाइफस्टाइल
धूम्रपान, शराब का सेवन, मोटापा और असंतुलित आहार भी ब्रेस्ट कैंसर को दोबारा बढ़ा सकते हैं।
6. इम्यून सिस्टम की कमजोरी
अगर शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है, तो कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने का मौका मिल सकता है।
रिकरंट ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण
अगर ब्रेस्ट कैंसर दोबारा हो रहा है, तो कुछ संकेत नजर आ सकते हैं:
- स्तन में नई गांठ या सूजन
- स्तन की त्वचा में बदलाव (लालिमा, खुरदरापन, मोटापन)
- पहले ऑपरेशन वाली जगह पर दर्द या सूजन
- अंडरआर्म, गले या कॉलर बोन के पास लिम्फ नोड्स में सूजन
- हड्डियों, फेफड़ों या लिवर में दर्द (अगर कैंसर शरीर में फैल गया हो)
- थकान, वजन कम होना और भूख न लगना
अगर ये लक्षण नजर आएं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
रिकरंट ब्रेस्ट कैंसर का इलाज कैसे किया जाता है?
ब्रेस्ट कैंसर के दोबारा लौटने पर इसका इलाज उसकी स्टेज, फैलाव और मरीज की स्थिति पर निर्भर करता है।
1. सर्जरी
अगर कैंसर सिर्फ उसी जगह पर लौटा है, तो दोबारा सर्जरी की जा सकती है। इस बार मास्टेक्टोमी (पूरा स्तन निकालना) की जरूरत पड़ सकती है।
2. कीमोथेरेपी
अगर कैंसर शरीर के दूसरे हिस्सों में फैल चुका है, तो कीमोथेरेपी दी जाती है ताकि कैंसर की वृद्धि को रोका जा सके।
3. रेडिएशन थेरेपी
अगर पहले इलाज में रेडिएशन नहीं दी गई थी, तो दोबारा कैंसर होने पर इसे दिया जा सकता है।
4. हार्मोनल थेरेपी
अगर कैंसर हार्मोन-सेंसिटिव है, तो हार्मोन थेरेपी से कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को रोका जाता है।
5. टारगेटेड थेरेपी
HER2-पॉजिटिव ब्रेस्ट कैंसर के लिए ट्रास्टुजुमैब (Herceptin) और अन्य टारगेटेड दवाएं दी जाती हैं।
6. इम्यूनोथेरेपी
अगर कैंसर बहुत आक्रामक है, तो इम्यूनोथेरेपी दी जाती है ताकि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत किया जा सके।
रिकरंट ब्रेस्ट कैंसर से बचाव कैसे करें?
1. नियमित जांच कराएं
अगर पहले ब्रेस्ट कैंसर हो चुका है, तो हर 6 महीने या 1 साल में मैमोग्राफी और अन्य जरूरी जांच करवानी चाहिए।
2. हेल्दी डाइट अपनाएं
हरी सब्जियां, फल, नट्स, साबुत अनाज और प्रोटीन से भरपूर आहार लें।
3. वजन को नियंत्रित रखें
मोटापा हार्मोनल असंतुलन पैदा कर सकता है, जिससे कैंसर दोबारा हो सकता है।
4. नियमित व्यायाम करें
रोजाना 30-45 मिनट की एक्सरसाइज करने से कैंसर दोबारा होने का खतरा कम हो सकता है।
5. धूम्रपान और शराब से बचें
धूम्रपान और शराब कैंसर कोशिकाओं को बढ़ावा दे सकते हैं, इसलिए इन्हें पूरी तरह से छोड़ दें।
6. हार्मोनल थेरेपी को पूरा करें
अगर डॉक्टर ने हार्मोनल थेरेपी दी है, तो इसे बीच में न छोड़ें। यह कैंसर को दोबारा होने से रोक सकती है।
निष्कर्ष
ब्रेस्ट कैंसर का इलाज करवाने के बाद भी इसका दोबारा होना चिंता का विषय है, लेकिन सही जागरूकता और नियमित जांच से इसे रोका जा सकता है। अगर किसी को पहले ब्रेस्ट कैंसर हो चुका है, तो उन्हें नियमित जांच, हेल्दी लाइफस्टाइल और सही दवाओं का पालन करना चाहिए।
कैंसर से डरने की जरूरत नहीं है, बल्कि सही जानकारी और सावधानी से इसे मात दी जा सकती है। समय पर इलाज और सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव है।